क्रोध या गुसा एक प्राकृतिक इमोसन है ,जो हमे गुसा आता है ,निराशा और अपने मनमाफिक काम न होने की स्थितयो मई सामने आता है | अगर हल्की सी भी झुंझलाहट से लेकर किसी इस्थिति पर होने वाले तेज रिक्सन को घुसे के तौर पर परिभासित किया जा सकता है | क्रोध बुरे विचार की किरा है उसमे दुःख भी है भय भी है तिरस्कार भी है घमंड भी है |
अलग -अलग तरह के क्रोध Different types of anger
दुसरो की पीठ पीछे बुराई करना आई कॉन्टेक्ट से बचना ,दूसरों को निचे दिखाने की कोशिश करना | खुद साइडलाइन होकर दुसरो को किसी के खिलाप उकसाना अपने नेगेटिव विचार किसी शख्स के जरिये अपने दुश्मन तक पहुँचाना | खुद को हरदम दोषी मानना ,बिना बात के बार बार माफी मांगना | छोटी -छोटी बातो पर नाराज होना और मह्त्वपूण चीजों को नजरअंदाज कर देना | तमाम तरह के मसलन सफाई को लेकर कुछ ज्यादा चिंतित रहना ,सभी से परफेक्शन की उम्मीद रखना , बार -बार चीजों को चेक करना और छोटी -छोटी बातों पर बहम करना परेशानी की हालत मै पीठ दिखा देना ,
क्रोध के नुक्सान Different types of anger
क्रोध स्वास्थ्य का सबसे बड़ा दुश्मन है | यह एक ऐसा रोग है जिसे थोड़ी समय के लिए पागलपण भी कहा जाता है | क्योकि जब व्यक्ति क्रोध मै होता है तो उसे सही गलत का पता नहीं होता है ,और एक से एक गलत करते चले जाते है | क्रोध मै इंसान अपने आपा खो देते है | क्रोद्ग से शरीर मै ब्लड प्रेसर ,सुगर हार्ट अटैक ,कैंसर जैसा रोग होता है | मन दुखी असांती या तनाव से ग्रसित हो जाता है अतः क्रोध करना अपने बदन पर छुरी मारना | सुबह से साम तक काम करके आदमी उतना ही थकना जितना क्रोध से एक घंटे मै थकना | क्रोध करने के मतलव दुसरो का गलती अपने सर पर लेना |
क्रोध के कारण Due to anger
किसी काम को बिगड़ जाने या उसमे कोई कमी आ जाने पर ,अन्य कोई परेशानी या रुकावट आने पर ,उमीदे पूरी न होने पर जल्दी परिणाम न मिलने पर या मनमुताविक परिणाम न मिलने पर लम्बी लाइनों मै खरे होने पर ट्रेफिक जाम मै फसने पर बेचैनी बढ़ जाती है और लोग असहज हो जाते है | यही बेचैनी और क्रोध की बजह है |
अगर आप गैर अनुशासित काम के बोझ से दबे और परेशान है तो आपको गुसा भी ज्यादा आएगा |
क्रोध आने से पहले विचार करें Think before anger
आप दुसरो पर कारण करने से पहले अपनी गलती ढूढ़े ,सकारात्मक सोच को अपनाये नकारात्मक सोच हटाये ,क्योकि आप दुसरो को नहीं बदल सकते हो मेरा मतलव जिसे बदला न जा सके ,उसे हस्ते हुए स्वीकार करें | अपने आप को यह समझाये की बेचैनी और जल्दीबाजी से कुछ नहीं होगा | हर कार्य का समय होता है | जो आज नहीं हुआ कल कर लेंगे क्योकि कभी भी एक तरफा सुनकर उत्तेजित न हो दोनों की सुनो और सुनकर ही फैसला लो नई पीढ़ी को अपनी पीढ़ी के अनुसार सोचने के लिए मजबूत न करें|
जब क्रोध से लाल हो उठे When the anger turned red
जैसे ही क्रोध की सम्भाबना हो कोसिस करे की एक गिलास पानी पिने की या विषय को बदलने की | यदि आप गुसे मई है तो दुसरो को बोलने की मौका दे यदि सामने बाला अपना गलती मानकर माफी मांग रहा है तो उसे एक मौका जरूर दे | याद रखे की दुश्मन आपको गुसा दिलाकर आपकी दिल की बात तो नहीं ले रहा है | जब भी क्रोध आये तो परिमाण पर विचार करें | अपने परिणाम का भी ख्याल करे |