नमस्ते दोस्तों ,आज हम आपको उनके बारे मै बताने जा रही हु ,जिनसे प्रभावित हर व्यक्ति है ,उनकी तरह बनने की कोश्शि हर नौजवान का सपना है | तो आओ दस्तो , मै जिनके बारे मै बताने जा रही हु ,वो है बहुत ही जाने माने ,और अपने बोल्ड अबाज से हर किसी को दीवाने बनाने वाले सुपर स्टार अमिताभ बच्चन जी के वारे मै | जी हां दोस्तों मै जानती हु की वो किसी परिचय की मोहताज़ नहीं ,उनके बस नाम ही काफी है | अमिताभ बच्चन का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम हरिवंश राय बच्चन था। … उनके एक छोटे भाई भी हैं जिनका नाम अजिताभ है। अमिताभ का नाम पहले इंकलाब रखा गया था लेकिन उनके पिता के साथी रहे कवि सुमित्रानंदन पंत के कहने पर उनका नाम अमिताभ रखा गया।
फ़िल्म जगत के सबसे चमकते और सबके करीबी अभिनेता हैं। 1980 के दौरान उन्होंने बहुत बड़ी लोकप्रियता हासिल की और उसके बाद से लेकर अबतक भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान और गुणवान व्यक्ति के जाने जाते है । अमिताभ बच्चन ने अपने जीवन में कई पुरस्कार हासिल किये हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फिल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। फ़िल्म करने के अलावा अमिताभ बच्चन ने पार्श्वगायक, फिल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी. शो “कौन बनेगा करोड़पति” में होस्ट की भूमिका निभाते है | जो की बहुत लोगों को यानि देश विदेश मै भी सफल रहा है । अमिताभ बच्चन का विवाह अभिनेत्री जया भादुड़ी से हुआ है।
शुरुआती जीवन की कहानी Early life story
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, में जन्मे अमिताभ बच्चन के पिता, डॉ॰ हरिवंश राय बच्चन प्रसिद्ध हिन्दी कवि थे, जबकि उनकी माँ तेजी बच्चन पाकिस्तान की शहर कराची से संबंध रखती थीं।शुरू शुरू में अमिताभ बच्चन का नाम इंकलाब रखा गया था जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रयोग में किए गए प्रेरित वाक्यांश इंकलाब जिंदाबाद से लिया गया था। फिर बाद में इनका फिर से अमिताभ नाम रख दिया गया इस नाम मतलव , “ऐसा प्रकाश जो कभी नहीं बुझेगा”। वैसे तो इनका अंतिम नाम श्रीवास्तव था फिर भी इनके पिता ने इस उपनाम को अपने कृतियों को प्रकाशित करने वाले बच्चन नाम से उद्धृत किया। यह उनका अंतिम नाम ही है जिसके साथ उन्होंने फिल्मों में एवं सभी सार्वजनिक कामों के लिए उपयोग किया। अब यह उनके परिवार के समस्त सदस्यों का उपनाम बन गया है।
मशहूर लेखक-निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास ने उन्हें अपनी फिल्म ‘सात हिंदुस्थानी’ (1969) में ब्रेक दिया। इसके बाद उन्हें ‘आनंद’ (1970) व ‘नमक हरम’ (1973) में उस दौर के सुपर स्टार राजेश खन्ना के साथ उत्कृष्ट अभिनय करने के लिए पहचाना गया, लेकिन ‘जंजीर’ (1973) से उन्हें ‘एंग्री यंग मैन’ की ऐतिहासिक पहचान मिली। ‘आनंद’ में राजेश खन्ना एवं ‘शक्ति’ (1982) में दिलीप कुमार के साथ अपनी श्रेष्ठता सिध्द कर उन्होंने हिंदी सिनेमा पर अपना एक अलग पहचान बना लिया |
अपने समय की मशहूर अभिनेत्री जया भादुड़ी उनकी पत्नी हैं। अमिताभ बच्चन को ‘फिल्म फेयर पुरस्कार’, राष्ट्रीय पुरस्कार, ‘पदमश्री’ आदि सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। उन पर बी.बी.सी. ने एक विशेष वृत्तचित्र भी बनाया है। साथ ही विश्व स्तर पर सर्वेक्षण से प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर अमिताभ को ‘मिलेनियम ऑफ दि स्टार’ से भी सुशोभित किया है।उसके बाद सन 1985 में इलाहाबाद से लोक सभा के लिए चुने गए थे। बाद मै राजनीती को छोड़ दिए |
करिअर की उतार चढ़ाव Career ups and downs
शुरू शुरू में अमिताभ बच्चन जी के लिए सारे कुछ आसान सी लग रहा था क्योंकि उनको फिल्मो की दुनिया में कदम रखने के लिए के लिए किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा क्योकि इसकी वजह है अमिताभ बच्चन जी की राजीव गाँधी जी से दोस्त होने के कारण क्योंकि इसी वजह से इंदिरा गाँधी के हाथ का लिखा सिफारिशी ख़त की वजह से उन्हें के ए अब्बास की फिल्म “ सात हिन्दुस्तानी “ में आसानी से काम करने का मौका मिल गया |
या हम यह भी कह सकते है कि| अमिताभ बच्चन जी ने अपने योग्यता और अभिनय के दम पर फ़िल्म में बादशाह का मुकाम हासिल किया हो या किसी और भी तरीको से पर अमिताभ बच्चन जी अपने जीवन मै बहुत ही मेहनत करके आज इस मुकाम पर है हालाँकि अमिताभ बच्चन जी ने फिल्मो में कदम रखने से पहले एक शिपिंग कम्पनी में नौकरी की थी और बाद में इनके माँ के द्वारा उत्साहित करने के बाद ये नौकरी छोडके मुंबई आ गये थे | वंहा अमिताभ बच्चन जी को काम करने के लिए 800/- रूपये / महीना वेतन मिलता था |
अमिताभ बच्चन जी की जिन्दगी में स्टार बनने के लिए महत्वपूर्ण समय तब आया जब 1973 में आई प्रकाश मेहरा की एक फिल्म में इन्हें एक इंस्पेक्टर का रोल मिला जिसमे इनके किरदार का नाम “ इंस्पेक्टर खन्ना “ था और उस किरदार में अमिताभ बच्चन जी अपना सारा मेहनत जी जान से लगा दिए| और फिर अलग तरह के रोल के साथ और साथ ही इनकी भारी आवाज जिसके लिए इन्हें आल इंडिया रेडियो में बोलने वाले के पद के लिए निकाल दिया गया था वही इनकी खासियत भी बनी ऐसे में जनता के लिए अमिताभ का यह रूप बहुत पसंद आने वाला था और इसके बाद बॉलीवुड के एक्शन हीरो और “ अंगरी यंगमैन “ की रूप में एक उभरता हुआ छवि अमिताभ बच्चन जी की जनता के सामने आया जिनसे उनको बेहद लोकप्रियता बना दिया |
अमिताभ जी ने अभिमान, कभी कभी, अग्निपथ, शराबी, नमक हलाल जैसी सुपरहिट फ़िल्में दी| अमिताभ जी ने अपने फ़िल्मी करियर में बहुत उतार चढ़ाव देखे, उनको देख सब यही कहते थे कि इतना लम्बा, दुबला पतला लड़का कुछ नहीं कर सकता| उनकी आवाज को लेकर भी लोग बोलते थे, और आज वही आवाज देश की आवाज बन गई, एक्टिंग के अलावा अमिताभ जी ने कई फिल्मों में सूत्रधार की भूमिका निभाई है|
इसके अलावा अमिताभ बच्चन जी ने कई फिल्मों में गाने भी गाये है| 1984-1987 तक अमिताभ बच्चन जी ने पॉलिटिक्स में राजीव गाँधी के साथ खड़े रहे| इसके बाद वे फिल्मों में आये और 1990 में अग्निपथ के साथ नेशनल अवार्ड जीता| इसके बाद अमिताभ बच्चन जी ने प्रोडक्शन हाउस खोला, और कुछ फ़िल्में भी की लेकिन ये सब फ्लॉप होती गई, उस समय तीनों खान का बोल बाला था| जिसके चलते अमिताभ जी ने फिल्मों से दुरी ही बना ली|
अमिताभ बच्चन का विवाह 3 जून, 1973 को अभिनेत्री जया भादुड़ी से हुआ. अमिताभ बच्चन और जया भादुडी की दो श्वेता बच्चन नंदा और अभिषेक बच्चन संतान हैं.भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी अमिताभ बच्चन जी केे अच्छेिे मित्र थे. अमिताभ बच्चसन जी की पहली हिट फिल्मं जंजीर थी. बच्चभन जी ने फिल्मोंशं के अलावा टीवी शो कौन बनेगा करोडपति, बिग बोस और आज की रात है जिंदगी जैसे हिट सीरियल भी कियेे हैं. बच्चान जी इलाहाबाद लोक सभा सीट से चुनाव लड़े और एच.एन. बहुगुणा को भारी मतों से पराजित किया था.
अमिताभ बच्चन जी न को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में पद्मश्री और पद्म भूषण तथा वर्ष 2015 में पद्म विभूषण से सम्माननित किया गया है. अमिताभ की श्रेष्ठ फ़िल्में हैं – आनंद, ज़ंजीर, अभिमान, दीवार, शोले, त्रिशूल, मुकद्दर का सिकंदर, कुली, सिलसिला, अमर अकबर एंथनी, काला पत्थर, अग्निपथ, बाग़बान, ब्लैक और पा आदि है. निर्देशक सत्यजीत रे ने अपनी फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में बच्चन की आवाज का इस्तेमाल किया था. अमिताभ बच्चन जी न दोनों हाथों से लिख सकते हैं |
अमिताभ बच्चन की माँ का नाम तेजी बच्चन थी जो कराची के सिख परिवार से थी | वह भी पाश्चात्य विचारो वाली महिला थी लेकिन उन्हें अपनी मान्यताओ पर दृढ़ विश्वास रहा था | उनके माता पिता दोनों अलग अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से संबधित थे| अमिताभ बच्चन के माता पिता ने उनका नाम इन्कलाब रखा था| लेकिन हरिवंशराय बच्चन के मित्र सुमित्रानंदन पन्त के सुझाव पर उन्होंने अपने पुत्र का नाम अमिताभ कर दिया जिसका मतलब होता है “एक ऐसा प्रकाश जिसका कभी अंत ना हो “| हालांकि उनका उपनाम श्रीवास्तव था लेकिन अमिताभ के पिता अपनी सभी कविताओं में अपना छोटा नाम बच्चन लिखा करते थे जिसके कारण अमिताभ के आगे भी उन्होंने बच्चन नाम दे दिया |
कॉलेज में उन्होंने दो विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की | साथ ही साथ अमिताभ बच्चन जी ने कॉलेज के रंगमंच “द प्लेयर्स ” में भी भाग लिया | यहा उनको अपने अभिनय को दिखने का मौका मिला और वही से एक महान चमकता हुआ कलाकार का जन्म हुआ |दिल्ली में कई जगह पर उन्होंने नौकरी की तलाश की परन्तु कही भी उन्हें अच्छी नतीजे नही मिले | यहा तक कि आकाशवाणी में भी उन्हें आवाज भारी होने के कारण नौकरी नही मिली | इससे वो बहुत दुखी हो गये | एक दिन बेरोजगारी से परेशान होकर उन्होंने अपने कॉलेज के मित्रो के साथ कोलकाता जाने का फैसला किया और वहा पर नौकरी ढूँढना जारी रखा | कोलकाता में भी कुछ हाथ ना लगने पर उन्होंने बम्बई में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया जो उनके जीवन का निर्णायक मोड़ साबित हुआ |
1970 के दशक से 1980 के दशक की शुरुवात तक अमिताभ बच्चन जी 100 से अधिक फिल्मों में दिखाई दिये. उस समय हर निर्देशक उनके साथ काम करना चाहता था जिसमे एक निर्देशक प्रकाश मेंहरा भी थे. 1982 में कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान एक गंभीर दुर्घटना हो गई थी जिसमे अमिताभ बच्चन के पेट में अंदरूनी चोट आई और वो जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे थे . उस समय उनके चाहने वालों ने उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना की.अमिताभ बच्चन जी दुर्घटना में बच गए. और फिर हस्ते मुस्कुराते हुए सभी से मिले |
1990 के दशक में अमिताभ बच्चन जी का जादू बॉक्स ऑफिस पर चलना बंद हो गया था. बॉक्स ऑफिस पर उनकी फिल्मे नहीं चल रही थी. आलोचकों ने लिखा है की अमिताभ ने अपने कैरियर को बड़े मियाँ छोटे मियाँ (1998) फिल्म में काम करके बचा लिया गया था. लेकिन 1999 में चार फिल्मे फ्लॉप रहीं और उसकी डूबती हुयी कंपनी एबीसीएल पर 90 करोड़ से अधिक का ऋण हो चूका था जिसको भरने का उनपर बहुत दबाव था. अमिताभ ने अपनी कंपनी ABCL में फिल्म मृत्युदाता बनाई और इसके साथ 1997 में बड़े पर्दे पर वापसी की . 2000 में, उन्होंने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ से TV या छोटे परदे पर मेजबानी करना शुरू किया | जिसके बाद वो फिर से जनता का दिल जीत लिए ,उनसे एक बार मिलने के लिए हर कोई चाहता है |
लेकिन मुझे कहते हुए बहुत दुःख हो रही है की अमिताभ बच्चन जी के परिवार कोरोना पोजटिव पाए गए है | अमिताभ बच्चन जी पोजटिव है बेटे अविषेक बच्चन जी पोजटिव है ,बहु ऐश्वर्या बच्चन जी पोजटिव है और पोती अराधिया बच्चन पोजटिव है | हम भगवान से पुरे मन से प्राथना कर रही हु की आपकी परिवार इस मुसीबत से जल्दी बाहर निकले |
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